tag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post1513552806772558067..comments2023-10-31T18:38:35.374+05:30Comments on शाकुन्तलम् Hindi: सूक्त - 109शकुन्तला शर्माhttp://www.blogger.com/profile/12432773005239217068noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-4375745280349473792014-09-29T18:23:06.459+05:302014-09-29T18:23:06.459+05:30
---अर्थ सही नहीं हैं...
---सही अर्थ इस प्रका...<br />---अर्थ सही नहीं हैं...<br /> ---सही अर्थ इस प्रकार होगा..यथा... <br /> -पुनर्दाय ब्रह्मजाया कृत्वी देवैर्निल्बिषम् ।<br /> ऊर्जं पृथिव्या भक्तवायो रुगायमुपासते ॥ ऋ 10-109-7 अथर्व 5-17-11<br />ब्राह्मी विद्धया को पुनः लाकर देवो ने बृहस्पति देव को दोषमुक्त किया है तत्पश्चात पृथ्वी के सारविततम अन्न (उत्पाद) का विभाजन करके सभी सुखपूर्वक यज्ञीय उपासना करने लगे<br />[दिव्य वाणी व यज्ञीय प्रक्रिया से भूमि पर पदार्थो के वर्गीकरण तथा सदुपयोग का क्रम चल पड़ा । यह प्रक्रिया बार-बार दुहराई जाती है ]<br /><br />डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-51469575465478266462013-12-01T19:00:30.479+05:302013-12-01T19:00:30.479+05:30व्यक्त सृष्टि,
सब पूर्वनियत सा,
बीजरूप।व्यक्त सृष्टि, <br />सब पूर्वनियत सा, <br />बीजरूप।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-43772070488722832332013-11-27T17:56:21.598+05:302013-11-27T17:56:21.598+05:30 चरैवेति चरैवेति -बढियां चल रहा है प्रांजल अनुवाद ... चरैवेति चरैवेति -बढियां चल रहा है प्रांजल अनुवाद Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-3590172791515583812013-11-27T08:00:44.886+05:302013-11-27T08:00:44.886+05:30वाक् - शक्ति की क्षमता अद्भुत यह सब पर पडत...वाक् - शक्ति की क्षमता अद्भुत यह सब पर पडती है भारी ।<br />प्रेम - परस्पर यह बोती है अकस्मात् बन जाती आरी<br /><br />यह सत्य है ! शुभकामनायें आपको !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-31179023439250663572013-11-27T07:00:44.986+05:302013-11-27T07:00:44.986+05:30CHETANA KO JAGRIT KARATE ANMOL AUR CHIR NAWIN SANG...CHETANA KO JAGRIT KARATE ANMOL AUR CHIR NAWIN SANGRAHNIY AUR NIT PATHANIY ..<br />SUPRABHAT SANG PRANAM SUKTON KE PRAKASHAN HETURamakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.com