tag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post3126474591488942020..comments2023-10-31T18:38:35.374+05:30Comments on शाकुन्तलम् Hindi: केनोपनिषद्शकुन्तला शर्माhttp://www.blogger.com/profile/12432773005239217068noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-77071453557595228672013-08-27T14:03:53.702+05:302013-08-27T14:03:53.702+05:30आनंद - रूप वह ब्रह्म सभी का प्रिय है हम जाने...आनंद - रूप वह ब्रह्म सभी का प्रिय है हम जानें न जानें<br /> हम सब सुख की खोज में ही हैं अति आत्मीय ब्रह्म को मानें <br /><br />सुंदर अनुवाद..!Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-51402536977149412172013-08-27T08:27:47.316+05:302013-08-27T08:27:47.316+05:30इसी तरह सरल सुगम्य तरीके से उपनिषदीय ज्ञान का प्रव...इसी तरह सरल सुगम्य तरीके से उपनिषदीय ज्ञान का प्रवाह करती रहें -आभार !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-72398463941096049052013-08-27T06:17:28.056+05:302013-08-27T06:17:28.056+05:30श्रवण से पृथक परब्रह्म है प्रेरक ज्ञाता है शक्...श्रवण से पृथक परब्रह्म है प्रेरक ज्ञाता है शक्ति - प्रदायक<br />ग्रहण करते हैं कर्ण शब्द को समर्थ सर्व है ब्रह्म विधायक ।<br /><br /> प्राण नहीं है परब्रह्म वह उससे भी तो है वह अतीत<br /> प्राण - विधाता जिससे वह है उसी ब्रह्म का आंशिक गीत ।<br /><br />सुप्रभात संग प्रणाम केनोपनिषद हेतु सरस्वती माँ की कृपा बनी रहे Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-61331196167932387672013-08-26T19:10:19.781+05:302013-08-26T19:10:19.781+05:30अद्भुत अनुवाद,
RECENT POST : पाँच( दोहे ) अद्भुत अनुवाद, <br /><br /><b>RECENT POST </b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/08/blog-post_25.html#links" rel="nofollow">: पाँच( दोहे )</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-77568985280443879702013-08-26T12:11:59.385+05:302013-08-26T12:11:59.385+05:30अद्भुत अनुवाद, ठीक वैसा ही जैसा संस्कृत में पढ़ मन...अद्भुत अनुवाद, ठीक वैसा ही जैसा संस्कृत में पढ़ मन में बसा हुआ था। अगला, कठोपनिषद।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com