tag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post6358944878755997105..comments2023-10-31T18:38:35.374+05:30Comments on शाकुन्तलम् Hindi: ईशावास्योपनिषद्शकुन्तला शर्माhttp://www.blogger.com/profile/12432773005239217068noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-12792743172239969142014-01-18T15:00:18.765+05:302014-01-18T15:00:18.765+05:30बहुत सुंदर अनुवाद .....बहुत सुंदर अनुवाद .....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-87653246200376687452014-01-15T17:34:01.562+05:302014-01-15T17:34:01.562+05:30आनंदित करता अनुवाद आनंदित करता अनुवाद Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-84942490077250839572013-08-27T14:25:19.809+05:302013-08-27T14:25:19.809+05:30सर्वत्र व्याप्त है वह परमात्मा प्रेमी -जन उन...सर्वत्र व्याप्त है वह परमात्मा प्रेमी -जन उनको पाते हैं <br />वे हैं दूर बहुत फिर भी वे आर्तनाद सुन कर आते हैं । <br /><br />वह दूर से दूर है और पास से पास !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-89624418928536902013-08-26T02:38:37.416+05:302013-08-26T02:38:37.416+05:30सर्वत्र व्याप्त है वह परमात्मा प्रेमी -जन उन...सर्वत्र व्याप्त है वह परमात्मा प्रेमी -जन उनको पाते हैं <br />वे हैं दूर बहुत फिर भी वे आर्तनाद सुन कर आते हैं । <br /><br />स्तुत्य, प्रणाम, निःशब्द,<br /> गर्व है छत्तीसगढ़ की माटी पर Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-72232917384081063282013-08-25T21:44:09.090+05:302013-08-25T21:44:09.090+05:30वाह !!! बहुत सुंदर अनुवाद .....
RECENT POST : पाँ...वाह !!! बहुत सुंदर अनुवाद .....<br /><br /><b>RECENT POST </b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/08/blog-post_25.html#links" rel="nofollow">: पाँच( दोहे )</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-89988841578061299262013-08-25T20:47:18.217+05:302013-08-25T20:47:18.217+05:30वाह, संस्कृत से पूरी तरह मिलता अनुवाद। पढ़कर आनन्द...वाह, संस्कृत से पूरी तरह मिलता अनुवाद। पढ़कर आनन्द आ गया। बस पहले श्लोक में ७ की जगह ४ पूर्ण शब्द से ही भाव स्पष्ट हो गया।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com