tag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post6584379761992681757..comments2023-10-31T18:38:35.374+05:30Comments on शाकुन्तलम् Hindi: श्वेताश्वतरोपनिषद्शकुन्तला शर्माhttp://www.blogger.com/profile/12432773005239217068noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-54108935568531290242013-09-05T14:18:12.988+05:302013-09-05T14:18:12.988+05:30सुन्दर और उत्कृष्ट अनुवाद..सुन्दर और उत्कृष्ट अनुवाद..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-54306587569651661472013-09-05T07:14:58.684+05:302013-09-05T07:14:58.684+05:30सम्पूर्ण विश्व यह देह उसी का वे सर्जक पोषक संहारक...सम्पूर्ण विश्व यह देह उसी का वे सर्जक पोषक संहारक हैं <br />पर कर्ता-पन का भाव नहीं है प्रकृति जगत के वे कारक हैं।<br /><br />-सत्य वचन!<br />Smart Indian - अनुराग शर्माhttps://www.blogger.com/profile/00609348818544161042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-79706948046863000672013-09-02T16:26:54.621+05:302013-09-02T16:26:54.621+05:30ओंकार नाम से ही करना है हमको परमात्मा का ध्यान
जन्...ओंकार नाम से ही करना है हमको परमात्मा का ध्यान<br />जन्म-मृत्यु के पार चलें हम अमृत पाने का है आह्वान। <br /><br />बहुत ही उम्दा प्रस्तुति,,,<br /><br /><b>RECENT POST </b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/08/blog-post_2490.html#links" rel="nofollow">: फूल बिछा न सको</a> धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8036287333083510616.post-12498728360740089072013-09-02T12:59:47.497+05:302013-09-02T12:59:47.497+05:30जैसे तिल में तेल दही में घी नदी में जल छिपकर रहता ...जैसे तिल में तेल दही में घी नदी में जल छिपकर रहता है <br />मनुज -हृदय में वैसे ही वह परम - पुरुष निवास करता है।<br /><br />दिल की गहराई में ही वह मोती मिलता है..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.com