जग संरचना विषयक प्रभु के सत संकल्पों का वर्णन है
प्रत्यक्ष जगत से पूर्व वही परमात्मा का ही चित्रण है।
सृष्टि आदि में परमेश्वर के मन में अनुपम विचार आया
कर्म - भोग के लिए जीव के विविध लोक- रचना भाया।
जग की रचना भी विचित्र है मोक्ष का कारण मात्र देह है
जो भी प्रभु को पाना चाहे प्रभु को पाने का यही गेह है।
प्रविष्ट हुए प्रभु ब्रह्म - रंध्र से है ब्रह्म - रंध्र आनन्द प्रदाता
प्रभु - प्रतीति इससे होती है विदृति -द्वार आनंद विधाता।
जन्म - मृत्यु - वर्त्तुल से छूटे प्रयास मनुज को करना है
महा - यंत्रणा जन्म -मरण है आनंद हेतु तप करना है ।
जब तक निज को देह मानता उसकी जन्म मृत्यु होती है
"मैं आत्मा हूँ " जिसने जाना जीत उसी की ही होती है ।
उपास्य - देव है वह परमात्मा वही ब्रह्म है वही इन्द्र है
समस्त शक्ति का श्रोत वही है वही सूर्य है वही चन्द्र है।
जिसने परमेश्वर को जाना देह- त्याग वह अमर हो गया
जन्म-मरण झंझट से छूटा परमात्मा को प्राप्त हो गया।
शकुन्तला शर्मा , भिलाई [ छ ग ]
प्रत्यक्ष जगत से पूर्व वही परमात्मा का ही चित्रण है।
सृष्टि आदि में परमेश्वर के मन में अनुपम विचार आया
कर्म - भोग के लिए जीव के विविध लोक- रचना भाया।
जग की रचना भी विचित्र है मोक्ष का कारण मात्र देह है
जो भी प्रभु को पाना चाहे प्रभु को पाने का यही गेह है।
प्रविष्ट हुए प्रभु ब्रह्म - रंध्र से है ब्रह्म - रंध्र आनन्द प्रदाता
प्रभु - प्रतीति इससे होती है विदृति -द्वार आनंद विधाता।
जन्म - मृत्यु - वर्त्तुल से छूटे प्रयास मनुज को करना है
महा - यंत्रणा जन्म -मरण है आनंद हेतु तप करना है ।
जब तक निज को देह मानता उसकी जन्म मृत्यु होती है
"मैं आत्मा हूँ " जिसने जाना जीत उसी की ही होती है ।
उपास्य - देव है वह परमात्मा वही ब्रह्म है वही इन्द्र है
समस्त शक्ति का श्रोत वही है वही सूर्य है वही चन्द्र है।
जिसने परमेश्वर को जाना देह- त्याग वह अमर हो गया
जन्म-मरण झंझट से छूटा परमात्मा को प्राप्त हो गया।
शकुन्तला शर्मा , भिलाई [ छ ग ]
जन्म - मृत्यु - वर्त्तुल से छूटे प्रयास मनुज को करना है
ReplyDeleteमहा - यंत्रणा जन्म -मरण है आनंद हेतु तप करना है ।
मंत्र मुग्ध करती रचना संग्रहनीय प्रणाम शुभ प्रभात अद्भुत
ध्येय की स्पष्ट अवधारणा
ReplyDeleteसृष्टि आदि में परमेश्वर के मन में अनुपम विचार आया
ReplyDeleteकर्म - भोग के लिए जीव के विविध लोक- रचना भाया।
परमात्मा की कृपा...अपार है
जिसने परमेश्वर को जाना देह-त्याग वह अमर हो गया
ReplyDeleteजन्म-मरण झंझट से छूटा परमात्मा को प्राप्त हो गया।
बहुत उम्दा प्रस्तुति,,,
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जिसने परमेश्वर को जाना देह- त्याग वह अमर हो गया
ReplyDeleteजन्म-मरण झंझट से छूटा परमात्मा को प्राप्त हो गया।...आत्मा और परमात्मा का मिलन ही मोक्ष है -बहुत सुन्दर भाव
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