कुण्डली - छंद
गो - वर्धन को समझ लो, बढे गाय - परिवार
गौ - माता समझा - हमें, जीवन का आधार।
जीवन का - आधार, बनो तुम ही गउ - माता
गो - रस में है स्वाद, सभी को पुष्ट - बनाता।
गौ माता का त्याग, जानले कर अभिनन्दन
बढे गाय - परिवार, समझ लो जी गो वर्धन।
महिमा गौ - की मान ले, वह है पालन - हार
गाय - पालती है हमें, सचमुच - अपरम्पार।
सचमुच - अपरम्पार, गाय गो - रस देती है
निज - छौने को छोड, हम सभी को सेती है।
जीवन यह उपहार, खाद गो - वर की गरिमा
गउ है पालन - हार, मान ले गउ की महिमा।
शकुन्तला शर्मा, भिलाई, छ्त्तीसगढ
गो - वर्धन को समझ लो, बढे गाय - परिवार
गौ - माता समझा - हमें, जीवन का आधार।
जीवन का - आधार, बनो तुम ही गउ - माता
गो - रस में है स्वाद, सभी को पुष्ट - बनाता।
गौ माता का त्याग, जानले कर अभिनन्दन
बढे गाय - परिवार, समझ लो जी गो वर्धन।
महिमा गौ - की मान ले, वह है पालन - हार
गाय - पालती है हमें, सचमुच - अपरम्पार।
सचमुच - अपरम्पार, गाय गो - रस देती है
निज - छौने को छोड, हम सभी को सेती है।
जीवन यह उपहार, खाद गो - वर की गरिमा
गउ है पालन - हार, मान ले गउ की महिमा।
शकुन्तला शर्मा, भिलाई, छ्त्तीसगढ