Wednesday 14 August 2013

मॉंगे हिन्दुस्तान हिसाब


मैं दुनियाँ का सिरमौर रहा  भाई चारे की लिखी किताब 
आज  मैं  तुमसे  पूछ  रहा  हूँ  देना  होगा  तुम्हें हिसाब । 

तुमने   अंग्रेजों   के  आगे   कैसे   मुझे  गुलाम  बनाया
क्रांतिवीर  पड़  गए अकेले  तुमने गोरों का पाँव दबाया । 

एक  अकेली  रानी- झाँसी ने अंग्रेजों को ललकार दिया
तुमने   उसे  अकेला  छोड़ा  यह   कैसा  अपकार  किया । 

अब तुमने आज़ादी पा ली किंतु बताओ कहाँ है गरिमा 
पराधीन है आज आदमी कहाँ है हिंदुस्तान की महिमा । 

बेईमानों  ने  जेबें  भर  लीं  कहाँ  छुपाया  लूट का  माल 
नौनिहाल भूखे - नंगे  हैं  आज़ाद  देश  का यह  है  हाल । 

तुम गोरों से कहाँ  अलग  हो  दुर्योधन- दु;शासन सम हो 
खा लेते हो खीर तुम्हीं तुम जनरल डायर से क्या कम हो ।

अकबर हुआ महान यहाँ जब राणा प्रताप फिर गया कहाँ
निज आन मान के खातिर ही खोया था जिसने राज यहाँ ।

पूरब - पश्चिम  दोनों  सीमा  पर मुझे  पड़ोसी  घूर  रहे  हैं
तुम तो कबूतर उड़ा रहे हो वे तोप - तानकर  खड़े  हुए  हैं  ।

आतंकी को क्यों पाल रहे हो क्यों देते नहीं उन्हें छुटकारा
पृथ्वीराज  चौहान  से  सीखो  गलती  करना नहीं दोबारा ।

दादा  - देशों  से क्यों  डरते  हो  ढूँढो  कुछ उनका भी काट
अब  करो स्वदेशी  की  पूजा  भगाओ  तुरत  विदेशी  हाट ।

स्विस- बैंक से पैसा जल्दी लाओ बेईमानों पर करो प्रहार
बेईमान मगर  लाने न  देंगे  इस  पर  जल्दी करो विचार ।

मान - सरोवर चीन में क्यों है कैसे उड़ गया हाथ से तोता
नेता  यदि  जयचंद  न  होते  मान - सरोवर  अपना होता ।

मुझसे   है  अस्तित्व  तुम्हारा  मेरा  गौरव  पुन;  बढ़ाओ
मेरा गुरुत्व  वापस लौटा कर मुझे  पुन; सिरमौर बनाओ ।

शकुन्तला शर्मा , भिलाई [ छ  ग  ] 

4 comments:

  1. बेईमानों ने जेबें भर लीं कहाँ छुपाया लूट का माल
    नौनिहाल भूखे - नंगे हैं आज़ाद देश का यह है हाल ।

    देश के सही हाल का सांगोपांग वर्णन

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  2. बगलें झाँकने को मजबूर करती हिसाब-बही।

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  3. अपने पांव मे कुल्हाड़ी मार रहे है देश को बर्बाद कर रहे है

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  4. धरा बेच देंगे गगन बेच देंगे जागो देश के सपूतो
    नही तो ये नेता वतन बेच देंगे

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