छन्द की बात अलग है, लिखती - हूँ मै छन्द
मिलन की रात विलग है ,मुझे मिला मकरंद।
मुझे- मिला - मकरन्द ,छन्द में आकर्षण है
अद्भुत है आनन्द, छन्द में सम - अर्पण है ।
सुरति निरति का कंद,अजब आभास अमल है
लिखती हूँ मैं छन्द ,छन्द की बात अलग है ।
शकुन्तला शर्मा, भिलाई, छ्त्तीसगढ
मिलन की रात विलग है ,मुझे मिला मकरंद।
मुझे- मिला - मकरन्द ,छन्द में आकर्षण है
अद्भुत है आनन्द, छन्द में सम - अर्पण है ।
सुरति निरति का कंद,अजब आभास अमल है
लिखती हूँ मैं छन्द ,छन्द की बात अलग है ।
शकुन्तला शर्मा, भिलाई, छ्त्तीसगढ