Sunday, 5 May 2013

शकुन्तला


1 comment:

  1. भरत की माता श्री शकुंतला को प्रणाम ...
    किन्तु आज बदले परिवेश में

    शकुन्तला आज घर पर ही नहायेगी
    तब ही अंगूठी उंगली में बच पायेगी
    भरत सिंह की जगह
    न्याय से खेलेगा
    खण्ड खण्ड होगा भरत खंडे
    समय और चक्र
    http://zaruratakaltara.blogspot.in/2011/10/blog-post_2860.html

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