Friday, 7 October 2011

स्वदेशी

गरीब हो रहा है हिन्‍दुस्तान देखो इसीलिए
देश की पूँजी को देश में ही रहना चाहिए।

कोलगेट पेप्सोडेंट छोड़ दो विदेशी हैं ये
विदेशी वस्तुओं का बहिश्कार होना चाहिए।


देशी वस्तुओं का करें सभी उपभोग यहॉं
पेप्सी कोकाकोला हमें नहीं पीना चाहिए।
माटी महिमा से सँवर जाएगा हिन्‍दुस्तान
देशी वस्तुयें हमें स्वीकार्य होना चाहिए।

यदि हम चाहते हैं भारत विश्व -गुरू बने
अपनी संस्कृति पर हमें नाज होना चाहिए।

स्विसबैंक में जो बेईमानों का पैसा रखा है
तुरत हाथों-हाथ हमें वापस लाना चाहिए।

गाय नहीं होगी तो गोपाल कहॉं होंगे फिर
गौ-माता के हित में विचार होना चाहिए।

गाय दीन-हींन है किसान खेत जर्जर हैं।
गाय ही समृद्धि है समझ लेना चाहिए ।

शकुन्तला शर्मा

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