विद्यानिधि से श्रेष्ठ कुछ नहीं
इससे परे नहीं है सुख ।
विद्या से ही संभव होता
सत्य सनातन संतति सुख ।
ऋग्वेद
ऋग्वेद सदृश हो उत्तम वाणी
यजुर्वेद सम उज्ज्वल मन ।
सामवेद सम प्राण हो प्रांजल
अथर्ववेद सम हो यह तन ।
यजुर्वेद
मेध दामिनी जल बरसाते
वे ही अन्न हमें देते हैं ।
यज्ञ हवन प्रतिदिन करके हम
इनको ही भोजन देते हैं ।
सामवेद
रहें सूर्यसम नित आलोकित ।
चतुर्शक्तियॉं वर्धित होतीं
प्रसन्नचित हम रहें प्रतिष्ठित ।
अथर्ववेद
शकुन्तला शर्मा
288/7 मैत्रीकुंज
भिलाई छ.ग.
अचल 0788 2227477 चल 09302830030
बहुत बढिया।
ReplyDeleteबहुत सराहनीय पोस्ट ! आभार !
ReplyDeleteबहुत सुंदर सन्देश देती हुई रचना वेदों के बारे में आभार
ReplyDeleteआदरणीय शकुंतला जी ज्ञान वर्धक पोस्ट ..सुन्दर.... .वेदों की याद आज के युग में .... ..बधाई हो
ReplyDeleteभ्रमर ५
विद्यानिधि से श्रेष्ट कुछ नहीं
ReplyDeleteइससे परे नहीं है सुख !
बिलकुल सही कहा है ! विद्या के साथ विनय भी
हो तो विध्या सार्थक होती है ! चार वेदों के बारे में
बहुत बढ़िया लिखा है ! आभार मेरे ब्लॉग पर स्वागत है !
वेदों के बारे में अच्छी जानकारी देती सुन्दर पोस्ट ...
ReplyDeleteकृपया टिप्पणी बॉक्स से वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .
वेदों का ज्ञानदर्शन इस प्रस्तुति में बहुत सराहनीय है. बधाई.
ReplyDeleteशकुन्तलाजी, बहुत अच्छा सृजन, बधाई।
ReplyDeleteवेदों के बारे में बढ़िया लिखा है !
ReplyDeleteवेदों का ज्ञानदर्शन..बहुत सराहनीय पोस्ट ! आभार !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और ज्ञानवर्धक...
ReplyDeleteप्रांजल पोस्ट वेदों की खूबसूरती से रुबारु करवाती .बधाई इस अति -सुन्दर मनोहर प्रस्तुति के लिए .
ReplyDeleteभू पर वेद ज्ञान से पूरित
ReplyDeleteरहें सूर्यसम नित आलोकित ।
चतुर्शक्तियॉं वर्धित होतीं
प्रसन्नचित हम रहें प्रतिश्ठित।
बहुत बढ़िया.....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति, आभार .
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें.
वेदों का ज्ञानदर्शन बहुत सराहनीय है
ReplyDeleteसंजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
http://sanjaybhaskar.blogspot.com/
वेदों का ज्ञानदर्शन इस प्रस्तुति में बहुत सराहनीय है.
ReplyDeleteपहली बार आपके पोस्ट पे आया ! आपके सारे पोस्ट भी पढ़े
बहुत ही अच्छा कार्य कर रही हैं आप! और हम सब का यही कर्म भी होना चाहिए देश की सोयी जनता को जगाना
तथा सत्य का पथ अंगीकार करने को प्रेरित करना !
क्यों की सत्य ही एक ऐसी ताकत है जिसके द्वारा आप अच्छे अच्छों को आप परास्त कर सकते हैं
आपको तथा आपके परिवार को दिवाली की शुभ कामनाएं!
वेदों पर इतने अच्छे विचार भेजने के लिए आपको बहुत धन्यवाद
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