Friday, 7 October 2011

मातृदेवो भव


नारी ऐसी गाय है जो दूध तो देती है मगर
वंश बढ़ाती है हमें याद रखना चाहिए।
पुरुश के साथ वह हल में जुती हुई है
तिरस्कार कोड़े से उसे बचाना चाहिए।
अपनी मॉं पिता का घर छोड़ के जो आ गई है
ऐसी बहू रानी का सम्मान होना चाहिए ।
लक्ष्मीबाई किरनबेदी जैसी बेटी पाना हो तो
बहू को सदा सिर ऑंखों पर बिठाना चाहिए।
मातृदेवो भव कह श्र्रुति समझा रही है
माता ही तो देवी है हमें समझना चाहिए।
लोक परलोक दोनों उसी के चरण में है
हमें फिर इधर उधर नहीं भटकना चाहिए।

शकुन्तला शर्मा
288/7 मैत्रीकुंज भिलाई छ.ग.
अचल 0788 2227477 चल 09302830030

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