सुकमा जिले में रहती सरला पर वह बोल नहीं पाती है
पर उसके हाथ में जादू है वह खुमरी - सुघर बनाती है ।
दायी के साथ लगी रहती है छोटी है मेहनत - करती है
नवमी - कक्षा में पढती है घर आ कर खुमरी बुनती है ।
बस्तर में बस्तर के बाहर खुमरी बहुत लोक - प्रिय है
खुमरी सब से बढिया - रक्षक मॉग - बढेगी निश्चित है ।
छतरी - टोपी का विकल्प यह कितना सुन्दर दिखता है
आकर्षित करता वह सबको और धडल्ले से बिकता है ।
एक - एक दिन करते - करते बीत गई कितनी बरसात
सरला ने फैक्ट्री - डाली है खुमरी बनता दिन और - रात ।
घर की हालत हुई - सुनहरी हँसता है वह घर चुप - चाप
सरला भी हँसती रहती पर निपट - अकेली अपने - आप ।
सावन उसका सह - पाठी है फैक्ट्री में वह करता - काम
उन दोनों का घर आस - पास है दोनों का है 'स' से नाम ।
सावन - सरला एक - दूजे को करते हैं मन ही मन प्यार
चुगल - खोर हैं ऑखें उनकी कर बैठी हैं अब - इज़हार ।
'शबरी' नदिया की कल कल भी जान गई है प्यार की बात
दौड - दौड कर सबसे - कहती प्यार की बातें सारी - रात ।
सरला - सावन के बिहाव में तुम भी आमन्त्रित हो आओ
खुमरी का आनन्द - उठाओ मन भर खीर -सोंहारी खाओ ।
पर उसके हाथ में जादू है वह खुमरी - सुघर बनाती है ।
दायी के साथ लगी रहती है छोटी है मेहनत - करती है
नवमी - कक्षा में पढती है घर आ कर खुमरी बुनती है ।
बस्तर में बस्तर के बाहर खुमरी बहुत लोक - प्रिय है
खुमरी सब से बढिया - रक्षक मॉग - बढेगी निश्चित है ।
छतरी - टोपी का विकल्प यह कितना सुन्दर दिखता है
आकर्षित करता वह सबको और धडल्ले से बिकता है ।
एक - एक दिन करते - करते बीत गई कितनी बरसात
सरला ने फैक्ट्री - डाली है खुमरी बनता दिन और - रात ।
घर की हालत हुई - सुनहरी हँसता है वह घर चुप - चाप
सरला भी हँसती रहती पर निपट - अकेली अपने - आप ।
सावन उसका सह - पाठी है फैक्ट्री में वह करता - काम
उन दोनों का घर आस - पास है दोनों का है 'स' से नाम ।
सावन - सरला एक - दूजे को करते हैं मन ही मन प्यार
चुगल - खोर हैं ऑखें उनकी कर बैठी हैं अब - इज़हार ।
'शबरी' नदिया की कल कल भी जान गई है प्यार की बात
दौड - दौड कर सबसे - कहती प्यार की बातें सारी - रात ।
सरला - सावन के बिहाव में तुम भी आमन्त्रित हो आओ
खुमरी का आनन्द - उठाओ मन भर खीर -सोंहारी खाओ ।
वाह...बहुत प्रभावी रचना..
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