Saturday, 11 April 2015

बिन ऑखों की इस बच्ची ने

सोनी - गोवा  में  रहती  है  पर  वह  देख  नहीं  सकती है
पर - तैराकी  में अव्वल है  वह  पुरस्कार - पाती रहती  है ।

बारह - बरस की हुई  है सोनी स्वीमिंग ही है उसका काम
यही जल  - परी जन - प्रिय  भी  है तैराकी में बडा है नाम ।

बडी - बडी  स्पर्धा  में  भी  वह  पाती - रहती  है  पुरस्कार
टी - वी - चैनल  पर  वह  छाई  नहीं  जानती  है वह - हार ।

कठिन - परिश्रम वह करती है उसका गुरु केवल अभ्यास
प्रैक्टिस - पर  है उसे  भरोसा  उस - पर  है  पूरा - विश्वास ।

उसे - देख सब प्रेरित होते वह सबको  प्रोत्साहित  करती
हम सबको अचरज होता है पर सोनी  की  हिम्मत बढती ।

छोटे - छोटे - बच्चों  को  वह  तैराकी के गुर - सिखलाती
बहुत - प्यार  से  उन  बच्चों को तैराकी के गुण बतलाती ।

सरकार से सुविधा मिलती है बस एक सुनहरा अवसर हो
विविध - विधा के पुल हों पर वह एक  कैंपस के भीतर हो ।

सोनी  ने  जो  सपना देखा था उसका  पूरा  हुआ है सपना
हर - बच्चा  पुल  में आता  है देश  का हर बच्चा है अपना ।

बिन ऑखों की इस बच्ची ने खोल दी सबकी ऑखें -आज
संकल्प - सभी  के पूरे  होंगे जब जागेगा सकल - समाज ।

3 comments:

  1. बहुत प्रेरक कहानी...आवश्यकता है ऐसे बच्चों को सभी के प्रोत्साहन की..

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  2. बहुत प्रेरक कहानी...आवश्यकता है ऐसे बच्चों को सभी के प्रोत्साहन की..

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  3. प्रेरणादायक रचना। आभार!

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