फोडो न पटाखे दीवाली में दिये जलाओ ज्योतिर्मय
ये वातावरण प्रदूषित करते दिये जलाओ ज्योतिर्मय ।
वायु - प्रदूषण ध्वनि - प्रदूषण मृदा प्रदूषित करते हैं
जल भी होता मैला इससे दिये जलाओ ज्योतिर्मय ।
लक्ष्मी जी को नहीं ज़रूरत ऐटम - बम फुलझडियों की
मंत्रोच्चार करो सुन्दर तुम दिये जलाओ ज्योतिर्मय ।
पटाखे अहंकार के सूचक यह ईर्ष्या - द्वेष बढाता है
छोडो इन्हें त्याग दो भाई दिये जलाओ ज्योतिर्मय ।
पटाखों की फैक्ट्री में देखो बच्चों का शोषण होता है
'शकुन' रिहाई हो बच्चों की दिये जलाओ ज्योतिर्मय ।
ये वातावरण प्रदूषित करते दिये जलाओ ज्योतिर्मय ।
वायु - प्रदूषण ध्वनि - प्रदूषण मृदा प्रदूषित करते हैं
जल भी होता मैला इससे दिये जलाओ ज्योतिर्मय ।
लक्ष्मी जी को नहीं ज़रूरत ऐटम - बम फुलझडियों की
मंत्रोच्चार करो सुन्दर तुम दिये जलाओ ज्योतिर्मय ।
पटाखे अहंकार के सूचक यह ईर्ष्या - द्वेष बढाता है
छोडो इन्हें त्याग दो भाई दिये जलाओ ज्योतिर्मय ।
पटाखों की फैक्ट्री में देखो बच्चों का शोषण होता है
'शकुन' रिहाई हो बच्चों की दिये जलाओ ज्योतिर्मय ।
सुंदर प्रेरणा देती पंक्तियाँ...
ReplyDeleteदीपावली की ज्योतित रश्मियाँ आपके जीवन को समग्रतः आलोकित करे!
ReplyDeleteSunder seekh deti rachna...umda prastuti....deewali ki shubhkamnaayein...
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