मन में जिजीविषा हो पर्यावरण बचाओ
जलवायु स्वच्छ रखो अपना गगन बचाओ ।
रखो विचार ऊँचा यह है कवच हमारा
वाणी मधुर हो भाई पर्यावरण बचाओ ।
नित यज्ञ करो घर में परिआवरण का रक्षक
इस यज्ञ - होम से तुम ओज़ोन को बचाओ ।
सत राह पर है चलना सब सीख लें तो बेहतर
गंदी - गली से अपने अस्तित्व को बचाओ ।
तरु हैं हमारे रक्षक रोपो 'शकुन' तुम उनको
इस वृक्ष के कवच से अपना वतन बचाओ ।
शकुन्तला शर्मा , भिलाई , मो. 09302830030
जलवायु स्वच्छ रखो अपना गगन बचाओ ।
रखो विचार ऊँचा यह है कवच हमारा
वाणी मधुर हो भाई पर्यावरण बचाओ ।
नित यज्ञ करो घर में परिआवरण का रक्षक
इस यज्ञ - होम से तुम ओज़ोन को बचाओ ।
सत राह पर है चलना सब सीख लें तो बेहतर
गंदी - गली से अपने अस्तित्व को बचाओ ।
तरु हैं हमारे रक्षक रोपो 'शकुन' तुम उनको
इस वृक्ष के कवच से अपना वतन बचाओ ।
शकुन्तला शर्मा , भिलाई , मो. 09302830030
सुविचार और आह्वान
ReplyDeleteधन्यवाद राजेन्द्र जी !
ReplyDeleteसबसे बड़ा कवच यही है !
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