राधा देख नहीं सकती है पढने से भी वह वञ्चित है
खीख उसे मिलती है घर में बचपन में सुख वर्जित है ।
सूना - पन था साथी उसका सुख था बिल्कुल अनजाना
उसके रुदन में गान छिपा था रो - कर उसने गाया गाना ।
क्या सुन्दर - स्वर था राधा का राधा खुद पर रीझ गई
फिर मन्दिर में जाकर उसने गीत - सुनाए कई - कई ।
मन्दिर में भीड बहुत है आज सबने उसका गीत सुना
बडे - पुजारी ने खुश - हो कर भजन के लिए उसे चुना ।
मंदिर में वह रोज सुनाती श्याम को सुंदर - सुंदर गीत
उसकी विनती सुनी श्याम ने उसे बनाया मन का मीत ।
पूरे - देश में चर्चा है अब राधा के सु - मधुर गायन की
यश - वैभव सब कुछ मिलता है प्रेम - पूर्ण पारायण की ।
राधा के गीतों की सी - डी दुनियॉ भर में अब है बिकती
यश का तरु फल फूल रहा है सुर में कई मुरकियॉ बनती ।
राधा - रानी को मिलते हैं बडे - बडे अनगिन - सम्मान
क़मज़ोरी ही ताकत बन गई रुदन बन गया था वरदान ।
हर मानव में क़मज़ोरी है यह ही जब ताक़त बन जाती
कुछ भी नहीं असंभव होता आशा ही बलवान बनाती ।
खीख उसे मिलती है घर में बचपन में सुख वर्जित है ।
सूना - पन था साथी उसका सुख था बिल्कुल अनजाना
उसके रुदन में गान छिपा था रो - कर उसने गाया गाना ।
क्या सुन्दर - स्वर था राधा का राधा खुद पर रीझ गई
फिर मन्दिर में जाकर उसने गीत - सुनाए कई - कई ।
मन्दिर में भीड बहुत है आज सबने उसका गीत सुना
बडे - पुजारी ने खुश - हो कर भजन के लिए उसे चुना ।
मंदिर में वह रोज सुनाती श्याम को सुंदर - सुंदर गीत
उसकी विनती सुनी श्याम ने उसे बनाया मन का मीत ।
पूरे - देश में चर्चा है अब राधा के सु - मधुर गायन की
यश - वैभव सब कुछ मिलता है प्रेम - पूर्ण पारायण की ।
राधा के गीतों की सी - डी दुनियॉ भर में अब है बिकती
यश का तरु फल फूल रहा है सुर में कई मुरकियॉ बनती ।
राधा - रानी को मिलते हैं बडे - बडे अनगिन - सम्मान
क़मज़ोरी ही ताकत बन गई रुदन बन गया था वरदान ।
हर मानव में क़मज़ोरी है यह ही जब ताक़त बन जाती
कुछ भी नहीं असंभव होता आशा ही बलवान बनाती ।
प्रेेरणादायक (खीख=सीख )
ReplyDeleteभगवान सभी को कुछ न कुछ गुण अवश्य देते हैं...यही प्रतिभा उनकी ताकत बन जाती है...सुन्दर रचना...
ReplyDeleteबहुत प्रेरक...आपकी यह यह प्रेरक श्रंखला अंतस को छू गयी...बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी और प्रेरक रचना।
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी और प्रेरक रचना।
ReplyDeleteवाह...लाजवाब...
ReplyDeleteऔर@जा रहा है जिधर बेखबर आदमी