Wednesday 29 October 2014

जन्म - जयन्ती पर - सरदार वल्लभ भाई पटेल

रदार  थे  तुम आगे  रहते  थे  तुम सम दूजा नहीं हुआ 
त रह कर तुम सदा सोचते आज़ाद हो जायें करो दुआ ।
दास नहीं हम  फिरंगियों के जननी को हमें बचाना होगा
स आएगा जीने  में  जब  धरती - गगन  हमारा  होगा ।
वल्लभ - भाई  बडे साहसी  सब रियासतों को एक किया
गन लगी थी आज़ादी की आज़ादी का अभिषेक किया ।
व्य बने अपना भारत यह संकल्प यही था उनको भाता
भारत मॉ का उज्ज्वल ऑचल महिमा मण्डित हो जाता ।
श्वर  को  यह  मञ्जूर  न था भारत - निर्माण न हो पाया
र  सोमनाथ  सम्पूर्ण  हुआ उन्हें  महाकाल  लेने आया ।
टेक लिया माथा शिव सम्मुख वह स्वर्ग धाम में चले गए
गता  है तुम वापस आए हो संकल्प निभाने नए - नए ।

4 comments:

  1. लौह पुरुष को शत शत नमन...

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  2. शत शत नमन...
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी है और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - बृहस्पतिवार- 30/10/2014 को
    हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः 41
    पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें,

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