मैं दुनियाँ का सिरमौर रहा भाई चारे की लिखी किताब
आज मैं तुमसे पूछ रहा हूँ देना होगा तुम्हें हिसाब ।
तुमने अंग्रेजों के आगे कैसे मुझे गुलाम बनाया
क्रांतिवीर पड़ गए अकेले तुमने गोरों का पाँव दबाया ।
एक अकेली रानी- झाँसी ने अंग्रेजों को ललकार दिया
तुमने उसे अकेला छोड़ा यह कैसा अपकार किया ।
अब तुमने आज़ादी पा ली किंतु बताओ कहाँ है गरिमा
पराधीन है आज आदमी कहाँ है हिंदुस्तान की महिमा ।
बेईमानों ने जेबें भर लीं कहाँ छुपाया लूट का माल
नौनिहाल भूखे - नंगे हैं आज़ाद देश का यह है हाल ।
तुम गोरों से कहाँ अलग हो दुर्योधन- दु;शासन सम हो
खा लेते हो खीर तुम्हीं तुम जनरल डायर से क्या कम हो ।
अकबर हुआ महान यहाँ जब राणा प्रताप फिर गया कहाँ
निज आन मान के खातिर ही खोया था जिसने राज यहाँ ।
पूरब - पश्चिम दोनों सीमा पर मुझे पड़ोसी घूर रहे हैं
तुम तो कबूतर उड़ा रहे हो वे तोप - तानकर खड़े हुए हैं ।
आतंकी को क्यों पाल रहे हो क्यों देते नहीं उन्हें छुटकारा
पृथ्वीराज चौहान से सीखो गलती करना नहीं दोबारा ।
दादा - देशों से क्यों डरते हो ढूँढो कुछ उनका भी काट
अब करो स्वदेशी की पूजा भगाओ तुरत विदेशी हाट ।
स्विस- बैंक से पैसा जल्दी लाओ बेईमानों पर करो प्रहार
बेईमान मगर लाने न देंगे इस पर जल्दी करो विचार ।
मान - सरोवर चीन में क्यों है कैसे उड़ गया हाथ से तोता
नेता यदि जयचंद न होते मान - सरोवर अपना होता ।
मुझसे है अस्तित्व तुम्हारा मेरा गौरव पुन; बढ़ाओ
मेरा गुरुत्व वापस लौटा कर मुझे पुन; सिरमौर बनाओ ।
शकुन्तला शर्मा , भिलाई [ छ ग ]
बेईमानों ने जेबें भर लीं कहाँ छुपाया लूट का माल
ReplyDeleteनौनिहाल भूखे - नंगे हैं आज़ाद देश का यह है हाल ।
देश के सही हाल का सांगोपांग वर्णन
बगलें झाँकने को मजबूर करती हिसाब-बही।
ReplyDeleteअपने पांव मे कुल्हाड़ी मार रहे है देश को बर्बाद कर रहे है
ReplyDeleteधरा बेच देंगे गगन बेच देंगे जागो देश के सपूतो
ReplyDeleteनही तो ये नेता वतन बेच देंगे