चरैवेति से कर्म करो तुम संदेश यही फिर लाया है
देशी खाओ देशी पहनो इस दर्शन को दोहराया है l
देश का हित है सबसे पहले यही बताने आया है
जागो जागो सब नर नारी आह्वान यही वह लाया है l
पृथ्वी है परिवार हमारा यही गान उसने गाया है
हम सब आपस में प्रेम करें यह मंत्र बताने आया है l
शुभ चिंतक है सखा हमारा देस राग इसने गाया है
हर मन में हो उत्साह हर्ष वह यही सिखाने आया है l
मेहनत का फल सबसे मीठाहै पुन:पुन:समझाया है
ईश्वर का वरदान है यह फिर हमें जगाने आया है l
शकुन्तला शर्मा
भिलाई [छ ग ]
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