बेटी बचाओ ऑदोलन से जन - सामान्य बेखबर है
बहू नहीं मिलती बेटे को ऑदोलन यहॉ बेअसर है ।
बेटी ऑगन की फुलवारी पुलकित परम्परा है पावन
उससे ही घर में रौनक है वह ही लेकर आती सावन ।
मोहित के घर बेटी आई पर वह देख नहीं सकती है
कितनी सुंदर ऑखें हैं पर उन ऑखों में दृष्टि नहीं है ।
मोहित है एक वंशी - वादक रोज बजाता राग विहाग
खुद भी रसास्वादन करता राग से है उसको अनुराग ।
काल - चक्र चलता रहता है कभी नहीं करता विश्राम
दिन के बाद रात आती है रात के बाद भोर- अभिराम ।
बारह - बरस की हो गई बेटी पर स्कूल नहीं जाती है
पूरे - दिन बॉसुरी बजाती और कभी गाना गाती है ।
पिता की तरह वह गाती है वैसी ही बॉसुरी बजाती
पूरे गॉव में पता है सबको लता लता जैसी ही गाती ।
सॉसद जमुना को भी उसके मीठे सुर की भनक मिली
मोहित के घर आई जमुना लता की मन-कली खिली ।
उसके स्वर की सीडी.लेकर जमुना दुनियॉ में पहुँचाई
लता खास बन गई स्वयं ही आज लता की बारी आई ।
अखबारों में टीवी में भी उसका इन्टर - व्यू छपता है
गॉव गॉव घर घर में भी अब उसके गीतों से सजता है ।
अब तो पैसा लगा बरसने मोहित के घर आई कार
बेटी ने शोहरत दिलवाई वायु - यान में हुआ सवार ।
लता बहुत सुन्दर गाती है लेती है मुरकियॉ मधुर
दिया विधाता ने है उसको बहुत मधुर और अद्भुत सुर ।
दुनियॉ - भर के नाम चीन मञ्चों में होता है प्रोग्राम
विविध राग रागिनियों का आया है यह दिन अभिराम ।
देश की पावन परम्परा का विश्व - पटल पर होता गान
आरंभ होता देस राग से जय जय जय हो हिन्दुस्तान ।
बहू नहीं मिलती बेटे को ऑदोलन यहॉ बेअसर है ।
बेटी ऑगन की फुलवारी पुलकित परम्परा है पावन
उससे ही घर में रौनक है वह ही लेकर आती सावन ।
मोहित के घर बेटी आई पर वह देख नहीं सकती है
कितनी सुंदर ऑखें हैं पर उन ऑखों में दृष्टि नहीं है ।
मोहित है एक वंशी - वादक रोज बजाता राग विहाग
खुद भी रसास्वादन करता राग से है उसको अनुराग ।
काल - चक्र चलता रहता है कभी नहीं करता विश्राम
दिन के बाद रात आती है रात के बाद भोर- अभिराम ।
बारह - बरस की हो गई बेटी पर स्कूल नहीं जाती है
पूरे - दिन बॉसुरी बजाती और कभी गाना गाती है ।
पिता की तरह वह गाती है वैसी ही बॉसुरी बजाती
पूरे गॉव में पता है सबको लता लता जैसी ही गाती ।
सॉसद जमुना को भी उसके मीठे सुर की भनक मिली
मोहित के घर आई जमुना लता की मन-कली खिली ।
उसके स्वर की सीडी.लेकर जमुना दुनियॉ में पहुँचाई
लता खास बन गई स्वयं ही आज लता की बारी आई ।
अखबारों में टीवी में भी उसका इन्टर - व्यू छपता है
गॉव गॉव घर घर में भी अब उसके गीतों से सजता है ।
अब तो पैसा लगा बरसने मोहित के घर आई कार
बेटी ने शोहरत दिलवाई वायु - यान में हुआ सवार ।
लता बहुत सुन्दर गाती है लेती है मुरकियॉ मधुर
दिया विधाता ने है उसको बहुत मधुर और अद्भुत सुर ।
दुनियॉ - भर के नाम चीन मञ्चों में होता है प्रोग्राम
विविध राग रागिनियों का आया है यह दिन अभिराम ।
देश की पावन परम्परा का विश्व - पटल पर होता गान
आरंभ होता देस राग से जय जय जय हो हिन्दुस्तान ।
संगीत में जादू है...प्रेरणात्मक पोस्ट...
ReplyDeleteआपका blog अच्छा है। मै भी Social Work करती हूं।
ReplyDeleteअनार शब्द सुनते ही एक कहावत स्मरण हो आता है-‘एक अनार, सौ बीमार।' चौंकिए मत, अनार बीमारियों का घर नहीं है, बल्कि यह तो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। इससे उपचार और अन्य आयुर्वेदा के टीप्स पढ़ने के लिए यहां पर Click करें और पसंद आये तो इसे जरूर Share करें ताकि अधिक से अधिक लोग इसका फायदा उठा सकें। अनार से उपचार
बहुत ही अच्छी जानकारी मेरे ब्लॉग पर भी आपको निमंत्रण है www.guide2india.org
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