Tuesday, 3 March 2015

सबसे सुन्दर मेरा भारत

सबसे  सुन्दर  मेरा  भारत  सुन्दर - तम  है  पर कश्मीर
माला  एक  लंगडी  लडकी  है  रहती  है  सरहद  के तीर ।

गोला -  बारी  होती  रहती  आए  दिन  सरहद  के  पास
बचपन  से  वह  देख  रही  है  नहीं  सुधरने  की  है आस ।

माला  सैनिक  की  बेटी  है  वह  भी  सुनती  है  ललकार
मन  में  वह  सोचा  करती है सौ - सौ बार तुझे धिक्कार ।

तभी  धुँधलके  में  माया  ने  काले - साये को देख लिया
बंदूक - तान  कर  उस लडकी ने उस साये को मार दिया ।

घर में घुसी तुरन्त और वह लेट गई बिल्कुल चुप - चाप
जब  कोलाहल  हुआ तभी वह उठ कर आई अपने- आप ।

पिता  ने  जब पूछा ऑखों से माला ने स्वीकार किया था
हाथ  पीठ  पर  रखा  पिता ने साहस का ईनाम दिया था ।

सरहद -समीप रहने वाले भी सैनिक सम कर्तव्य निभाते
ईनाम भले ही मिले न मिले जन्मभूमि के वे काम आते ।

माला  भीड  से  घिरी  हुई  है  कोई  भी  नहीं  देखता पॉव
उसकी  बहादुरी  दिखती  है  भौचक  है  अब  पूरा - गॉव ।

4 comments:

  1. प्रेरक गाथा..

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  2. बहुत सुंदर और हकीकत को बयां करती रचना.

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  3. प्रेरक काव्य कथा श्रंखला में एक और उत्कृष्ट कड़ी...साधुवाद आपके प्रयास के लिए...

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