सबसे सुन्दर मेरा भारत सुन्दर - तम है पर कश्मीर
माला एक लंगडी लडकी है रहती है सरहद के तीर ।
गोला - बारी होती रहती आए दिन सरहद के पास
बचपन से वह देख रही है नहीं सुधरने की है आस ।
माला सैनिक की बेटी है वह भी सुनती है ललकार
मन में वह सोचा करती है सौ - सौ बार तुझे धिक्कार ।
तभी धुँधलके में माया ने काले - साये को देख लिया
बंदूक - तान कर उस लडकी ने उस साये को मार दिया ।
घर में घुसी तुरन्त और वह लेट गई बिल्कुल चुप - चाप
जब कोलाहल हुआ तभी वह उठ कर आई अपने- आप ।
पिता ने जब पूछा ऑखों से माला ने स्वीकार किया था
हाथ पीठ पर रखा पिता ने साहस का ईनाम दिया था ।
सरहद -समीप रहने वाले भी सैनिक सम कर्तव्य निभाते
ईनाम भले ही मिले न मिले जन्मभूमि के वे काम आते ।
माला भीड से घिरी हुई है कोई भी नहीं देखता पॉव
उसकी बहादुरी दिखती है भौचक है अब पूरा - गॉव ।
माला एक लंगडी लडकी है रहती है सरहद के तीर ।
गोला - बारी होती रहती आए दिन सरहद के पास
बचपन से वह देख रही है नहीं सुधरने की है आस ।
माला सैनिक की बेटी है वह भी सुनती है ललकार
मन में वह सोचा करती है सौ - सौ बार तुझे धिक्कार ।
तभी धुँधलके में माया ने काले - साये को देख लिया
बंदूक - तान कर उस लडकी ने उस साये को मार दिया ।
घर में घुसी तुरन्त और वह लेट गई बिल्कुल चुप - चाप
जब कोलाहल हुआ तभी वह उठ कर आई अपने- आप ।
पिता ने जब पूछा ऑखों से माला ने स्वीकार किया था
हाथ पीठ पर रखा पिता ने साहस का ईनाम दिया था ।
सरहद -समीप रहने वाले भी सैनिक सम कर्तव्य निभाते
ईनाम भले ही मिले न मिले जन्मभूमि के वे काम आते ।
माला भीड से घिरी हुई है कोई भी नहीं देखता पॉव
उसकी बहादुरी दिखती है भौचक है अब पूरा - गॉव ।
Bahut Umda
ReplyDeleteप्रेरक गाथा..
ReplyDeleteबहुत सुंदर और हकीकत को बयां करती रचना.
ReplyDeleteप्रेरक काव्य कथा श्रंखला में एक और उत्कृष्ट कड़ी...साधुवाद आपके प्रयास के लिए...
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