छत्तीसगढ में एक गॉव है जिसका नाम कोसला है
कौशल्या का पीहर है वह सरोवरों के बीच पला है ।
उसी गॉव में लूली - लँगडी एक लडकी है सुकवारा
सब उसको अपमानित करते कहते हैं फोकट - पारा ।
किसी तरह पॉचवीं पास की अब घर - वाले हार गए हैं
नहीं पढा सकते अब आगे कह - कर उसे पछाड गए हैं ।
सुकवारा में हुनर बहुत है सबका करती सहज नकल
तोता कोयल चिडिया बन्दर सुकवारा है सदा सफल ।
कुत्ता - बिल्ली या उल्लू हो मुश्किल है फर्क समझ पाना
बडी सहजता से करती है नकल हमेशा सोलह आना ।
केजरीवाल हो या मोदी हो सोनिया हो या फिर अमिताभ
सुकवारा सब में पारंगत है इसी हुनर का मिलता लाभ ।
सुकवारा के संग कला भी प्रतिदिन रूप बदलती है
सुकवारा की कला दिन ब दिन और भी खूब निखरती है ।
बडे - बडे शहरों में उसका होता रहता हरदम प्रोग्राम
मिमिक़री है बहुत लोकप्रिय इसका मिलता है ईनाम ।
उससे मिलने वालों की अब लम्बी लाइन लगती है
विकलॉगता नज़र नहीं आती हुनर की तूती बोलती है ।
वाणी का वैभव अतुलित है इसमें है अद्भुत - सम्मान
उद्यम से सब कुछ संभव है जीवन बन जाता है वरदान ।
कौशल्या का पीहर है वह सरोवरों के बीच पला है ।
उसी गॉव में लूली - लँगडी एक लडकी है सुकवारा
सब उसको अपमानित करते कहते हैं फोकट - पारा ।
किसी तरह पॉचवीं पास की अब घर - वाले हार गए हैं
नहीं पढा सकते अब आगे कह - कर उसे पछाड गए हैं ।
सुकवारा में हुनर बहुत है सबका करती सहज नकल
तोता कोयल चिडिया बन्दर सुकवारा है सदा सफल ।
कुत्ता - बिल्ली या उल्लू हो मुश्किल है फर्क समझ पाना
बडी सहजता से करती है नकल हमेशा सोलह आना ।
केजरीवाल हो या मोदी हो सोनिया हो या फिर अमिताभ
सुकवारा सब में पारंगत है इसी हुनर का मिलता लाभ ।
सुकवारा के संग कला भी प्रतिदिन रूप बदलती है
सुकवारा की कला दिन ब दिन और भी खूब निखरती है ।
बडे - बडे शहरों में उसका होता रहता हरदम प्रोग्राम
मिमिक़री है बहुत लोकप्रिय इसका मिलता है ईनाम ।
उससे मिलने वालों की अब लम्बी लाइन लगती है
विकलॉगता नज़र नहीं आती हुनर की तूती बोलती है ।
वाणी का वैभव अतुलित है इसमें है अद्भुत - सम्मान
उद्यम से सब कुछ संभव है जीवन बन जाता है वरदान ।
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