Saturday, 25 January 2014

सूक्त - 50

[ऋषि- इन्द्र वैकुण्ठ । देवता- इन्द्र वैकुण्ठ । छन्द- जगती-अभिसारिणी-त्रिष्टुप् ।]

9312
प्र  वो  महे  मन्दमानायान्धसोSर्चा  विश्वानराय  विश्वाभुवे ।
इन्द्रस्य यस्य सुमखं सहो महि श्रवो नृम्णं च रोदसी सपर्यत्॥1॥

हे मनुज अन्न - धन देने वाले उस परमेश्वर का पूजन कर ।
अद्वितीय  अद्भुत  है  वह  प्रभु  कृतज्ञता  से  अर्चन कर ॥1॥

9313
सो  चिन्नु  सख्या  नर्य  इनः स्तुतश्चर्कृत्य  इन्द्रो  मावते  नरे ।
विश्वासु धूर्षु वाजकृत्येषु सत्पते वृत्रे वाप्स्व1भि शूर मन्दसे॥2॥

हे  परमेश्वर  हे  परम - मित्र  तुम  ही  मेरे  शुभ - चिन्तक  हो ।
रिमझिम बरसात तुम्हीं देते हो सज्जन के तुम ही रक्षक हो॥2॥

9314
के  ते  नर  इन्द्र  ये  त  इषे  ये  ते  सुम्नं  सधन्य1मियक्षान् ।
के  ते वाजायासुर्याय हिन्विरे के अप्सु स्वासूर्वरासु पौंस्ये ॥3॥ 

सुख - सम्पत्ति  तुम्हीं  देते  हो  तुम  ही  मेरे  अपने लगते हो ।
तुम  ही अपने साधक-जन को सत्पथ पर प्रेरित करते हो ॥3॥

9315
भुवस्त्वमिन्द्र  ब्रह्मणा  महान्भुवो  विश्वेषु  सवनेषु  यज्ञियः ।
भुवो नृँश्च्यौत्नो विश्वस्मिन्भरे ज्येष्ठश्च मन्त्रो विश्वचरर्षणे ॥4॥

कर्म - योग  हमको प्यारा है स्तुत्य तुम्हीं नमनीय तुम्हीं हो ।
शुभ-चिन्तन तुम ही देना प्रभु पूजनीय मननीय तुम्हीं हो॥4॥

9316
अवा नु कं ज्यायान् यज्ञवनसो महीं त ओमात्रां कृष्टयो विदुः।
असो  नु  कमजरो  वर्धाश्च  विश्वेदेता  सवना तूतुमा कृषे ॥5॥

हे  परमेश्वर  हे अद्वितीय  निश्चय  ही  तुम अजर - अमर  हो ।
यश - वैभव तुम ही देते हो सबके लिए तुम्हीं सुखकर हो ॥5॥

9317
एता विश्वा सवना तूतुमा कृषे स्वयं सूनो सहसो यानि दधिषे।
वराय  ते  पात्रं  धर्मणे  तना  यज्ञो  मन्त्रो  ब्रह्मोद्यतं वचः ॥6॥

सोम - यज्ञ  के  धारक तुम हो धन का सदुपयोग सिखलाते ।          
यज्ञ-मन्त्र हैं तुम्हें समर्पित वाक्-वैभव तुम ही बन जाते ॥6॥

9318
ये  ते  विप्र  ब्रह्मकृतः सुते  सचा  वसूनां  च  वसुनश्च  दावने ।
प्र ते सुम्नस्य मनसा पथा भुवन्मदे सुतस्य सोम्यस्यान्धसः॥7॥

यश - वैभव  के  अधिकारी  जन  श्रध्दा  से  पूजन  करते  हैं ।
सबके  पथ-प्रेरक  प्रभु  वह  ही सबकी विपदा भी हरते हैं ॥7॥     

4 comments:

  1. कर्म यज्ञ में सतत आहुतियाँ, फल देते यज्ञ।

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति..

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  3. गणतन्त्र दिवस की शुभकामनायें और बधाईयां...जय हिन्द...

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  4. बहुत बढ़िया ....गणतंत्र दिवस की शुभ कामनाएं

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